Friday, June 18, 2021

मेरे हिस्से की पूरब में लाली आ गई ,

 मेरे हिस्से की पूरब में लाली आ गई ,

देखो कैसे चेहेरे पर खुशहाली आ गई,

चलो सभी कुछ कदम फिर साथ चले ,

सुबह की बयार और हरियाली आ गई ,

अंधेरो से निजात बंद आँखों ने दिया ,

आलोक की सौगात उसको आ भी गई ,

चलो कुछ देर गा ले अब  सांसो के गीत ,

उम्र से हार करहर कही तरुणाई आ गई  .................चलिए आप सभी को अखिल भारतीय अधिकार संगठन सुप्रभात कहने आ गया .............एक नया दिन नै सोच पा गया

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