क्यों रोता है मन ,
किसको जीता है तन ,
मैं तो अकेला आया ,
फिर ये किसको पाया ,
मैं जाऊंगा भी अकेले ,
छूटेंगे दुनिया के मेले ,
तो कौन साथ में हैं ,
आज फिर रात में हैं ,
दिख तो सन्नाटा रहा ,
दिल ने फिर क्या सहा,
धीरे से किसने कहा ,
सो जाओ सपने को ,
आज सजाने के लिए ,
मौत को पाने के लिए ,
यही सच है सबका ,
बस चक्र है जाने के लिए ...................................क्या जन्दगी को आप जानते है या फिर मौत तक पहुचने के रस्ते को जीवन कहते रहे
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