मैं पश्चिम का सूरज हूँ ,
तुम पूरब के बन जाओ ,
मैं निस्तेज तिमिर का वाहक ,
तुम पथ के दीपक बन जाओ ,
मैं और तुम दोनों ही रक्तिम ,
अंतर बस इतना पाता हूँ ,
तुम उगने का अर्थ लिए ,
मैं उगने की राह बनता हूँ ...................................उगता और डूबता सूरज दोनों लाल होते है पर दोनों का अर्थ अलग है ..
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