Saturday, June 19, 2021

है कोई बहुत दूर तो कोई बहुत पास .

 है कोई बहुत दूर तो कोई बहुत पास .......

जिन्दा हूँ मैं तो किसी को है आस .........

कैसे कह दूँ कि कोई भी अकेला है .......

मौत से करता भला कौन खुद रास ........

डॉ. आलोक चान्टिया 

मैं जानता हूँ कि जो लोग आत्महत्या भी इसी लिए  करते है क्योकि  उनको कुछ न कुछ आरजू रहती है और उसके पूरा न होने पर ही वो चल देते है ....यानि आप भी मानते है कि आप अकेले नहीं है तो जियेये ना उसके साथ चाहे सपनो में चाहे हकीकत में ....

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