Friday, June 18, 2021

जिन्दगी कितनी सी है , जिन्दगी इतनी सी हैं ,

 जिन्दगी कितनी सी है ,

जिन्दगी इतनी सी हैं ,

जिन्दगी जितनी सी है ,

जिन्दगी मिटनी सी है ,

तो क्यों न मुस्करा ले ,

तुमको भी साथ हसा ले ,

कुछ तुमको भी मिलेगा ,

कुछ हमको भी मिलेगा ,

जिन्दगी चलनी सी है ,

जिन्दगी हसनी सी है ,

जिन्दगी कसनी सी है ,

जिन्दगी फसनी सी है ,

तो क्यों न इसे समझ ले ,

थोड़ी देर साथ मचल ले ,

कल किसने देखा है यहा,

आओ कुछ साथ चल ले ,

जिन्दगी आलोक सी है ,

जिन्दगी परलोक सी है ,

जिन्दगी श्लोक सी है ,

जिन्दगी मृत्यु लोक सी है ,

तो क्यों न कुछ कर ले ,

एक बार हस कर बसर ले ,

ये सच अब तो मान भी लो ,

थोडा धूप से हम पसर ले ...........................कब हम समझेंगे अपने जीवन को आज मुझे एक ऐसी बेटी से मुलाकात हुई जिसके पिता नही थे पर न जाने उसने मुझे क्यों पिता कहा और मुझे अच्छा लगा ...........क्या बेटी का सुख आपको मिला है .....डॉ आलोक चान्टिया

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