Saturday, June 19, 2021

पतन मेरा नहीं , वतन का होता है ,

 पतन मेरा नहीं ,

वतन का होता है ,

कोई भी काम जब 

बिना जतन के होता है |

यूँ तो जी लेता है ,

हर एक कीड़ा मकोड़ा भी ,

मनुष्य कहने वालों ,

तेरा काम चमन का होता है|

क्यों इतरा गए तुम ,

शक्ति पाकर इतनी ,

मनुष्यता का सार बस ,

नमन का होता है |

 अगर हम आप एक उद्देश्य के बिना काम करेंगे तो खुद तो अवनति की और जायेंगे ही और हमारा देश खुद उन्नति नहीं कर पायेगा | अखिल भारतीय अधिकार संगठन

No comments:

Post a Comment