चाँद तेरा भी है ,
चाँद मेरा भी है ,
रात तेरी भी है ,
रात मेरी भी है ,
न चाँद मुसलमान है ,
ना रात हिन्दू है ,
मान लो आसमान ही ,
सभी का सहारा है ,
न तुम जीते हो ,
ना कोई कही हारा है
गले मिल कर जीना,
होली कही होती है ,
कही गले मिल कर ,
ईद की रीति होती है ,
आओ चाँद देख कर ,
ख़ुशी का सूरज छू ले ,
कल की सेवइयों में ,
सिर्फ हिंदुस्तानी हो ले ,
कही छूट ना जाये कोई
दौड़ के ईदी तो ले ले ,
फिर से इस देश में संग ,
हिन्दू मुस्लिम खेले ...............
किसी जाति धर्म को नहीं सारे हिन्दुस्तानियों को ईद की मुबारकबाद
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