Saturday, June 19, 2021

चाँद तेरा भी है , चाँद मेरा भी है ,

 चाँद  तेरा भी है ,

चाँद मेरा भी है ,

रात तेरी भी है ,

रात मेरी भी है ,

न चाँद मुसलमान है ,

ना रात हिन्दू है ,

मान लो आसमान ही ,

सभी का सहारा है ,

न तुम जीते हो , 

ना कोई कही हारा है 

गले मिल कर जीना,

होली कही होती है ,

कही गले मिल कर ,

ईद की रीति होती है ,

आओ चाँद देख कर ,

ख़ुशी का सूरज छू ले ,

कल की सेवइयों में ,

सिर्फ हिंदुस्तानी हो ले ,

कही छूट ना जाये कोई 

दौड़ के ईदी  तो ले ले ,

फिर से इस देश में संग ,

हिन्दू मुस्लिम खेले ...............

किसी जाति धर्म को नहीं सारे हिन्दुस्तानियों को ईद की मुबारकबाद

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