जब वो खुली आँखों से देखता रहा ,
दरवाजो के सन्नाटो से मिलता रहा ,
आज ना जाने कितने आये है जब ,
बंद आँखों को किसी का इल्म न रहा ................ऐसे किसी के मरने पर क्या पहुचना जब उसके जिन्दा रहने पर आप कभी दो मिनट उसके लिए ना निकाल पाये हो |
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