Friday, June 18, 2021

दुर्गा कह कर मजाक उड़ा रहे है ,

 # MEE TOO

दुर्गा कह कर मजाक उड़ा रहे है ,

पूरे देश में हम औरत जला रहे है ,

कितने ही नव दुर्गा कहते तुमको ,

बलात्कारी फिर कौन होते जा रहे है ,

कन्या तो देवी का रूप कही जाती है ,

माँ की कोख में ही क्यों मारे जा रहे है ,

कितना झूठ जीने की हसरत तुममे ,

रोज घुंघरू ही क्यों बजते जा रहे है ,

कितने ही कह जायेंगे आलोक बरबस ,

तुम क्यों महिसासुर बनते जा रहे हो ,

रह तो जाने दो कम से कम नव दुर्गा ,

नव महीने उसके ही छीने जा रहे हो ,

कल जब काली न दुर्गा मिलेंगी तुम्हे ,

फिर ये व्रत किसका रखे जा रहे हो ,

कभी तो शर्म करो अपनें दोमुह पर ,

किसका आंचल फाड़े जा रहे हो ,

आज माँ का दिन सच कह लो उससे ,

कल फिर ये शब्द भूले जा रहे हो ,

जय माता दी अपने दिल में बसा लो ,

क्या उसको हसी फिर दिए जा रहे हो .......................अगर इस देश में नारी के लिए इतना बड़ा व्रत रखने के बाद भी औरत की संख्या कम हो रही है या फिर उसके साथ बलात्कार हो रहा है तो ऐसे नवरात्री को हम क्या करने के लिए मना रहे है डॉ आलोक चान्टिया अखिल भारतीय अधिकार संगठन

No comments:

Post a Comment