मुस्कराने लगे जिन्दगी को जानकर ........
खुश हुए साँसों को अपना मान कर .........
क्यों फिर आज इतने ग़मगीन है वो .....
जब आई मौत अपनी छाती तान कर.......
डॉ आलोक चान्टिया ........अगर आपको खुश रहने की आदत है तो दुखी होने की लत भी दाल लेनी चाहिए क्योकि दुनिया में हर चीज़ के दो पहलु है
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