Saturday, June 19, 2021

साँसे गर्भ के अँधेरे में खिली थी .....

 साँसे गर्भ के अँधेरे में खिली थी ......

जिन्दगी से प्रेम करके मिली थी ........

श्मशान में खड़ी जिस्म ताकती.......

बिरह में जो आग में आज जली थी ......

हर कोई कुछ समय तक ही आपका साथ देता है अगर सांसो का भरोसा ना हो तो कोई शरीर गर्भ में आकर ही ना ले पर एक दिन वो भी आपका साथ छोड़ देती है और इस बिरह में अकसर हम खाक हो जाते है

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