ऐसा नही कि तेरे सीने मे दिल नही ,
पर दिल में भी दिमाग है ,
और ऐसा भी नही कि सीने में आग नही ,
पर तेरी आँखों में हया का दाग ,
बढ़ कर कैसे कह दे मै तेरा दोस्त हूँ ,
इस देश में दोस्त ही हमराज है ,
मान भी जाऊ अगर तेरी इन बातो को ,
तन्हाई में साँसों की अपनी कुछ बात है ,
आओ सुना दू तेरे दिमाग को दिल के शब्द ,
सच मानो आज हो जाओगी निः शब्द ,
दोस्त कहने में इतनी देर लगा दी तुमने ,
देखो मेरी चिता में आग खुद लगा दी तुमने .............................
क्या आप ही मेरे दोस्त नही है..... मित्रता दिवस की आप सभी को शुभकामना आलोक चांटिया
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