Friday, June 18, 2021

वो हमें जिन्दगी जीना सीखा रहे थे

 वो हमें जिन्दगी जीना सीखा रहे थे ,

हवाओ का रुख मुझे ही  बता रहे थे 

जिसने खेई नाव समुन्द्र के मझधार में ,

उसको ठहरे हुए पानी से डरा रहे थे ,

............................ इन लाइन को पंकज  जी के जानिब से प्रस्तुत कर रहा हूँ

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