Saturday, June 19, 2021

आओ हम सभी उस पार का सूरज देख ले ,

 आओ हम सभी उस पार का सूरज देख ले ,

डूबते  हुए को खुद से हारता हुआ देख ले 

कितना सदमे में जब बंद दरवाजो से गुजरा ,

रात से लड़ते हुए पूरब का समंदर देख ले ,

यह कोई नई बात नही खुद गरजी का यहा,

अपनों से अपनों को धोखे में डूबा देख ले ...............

आलोक चांटिया

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