आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Friday, June 18, 2021
मेरा घर उनके घर से दूर लगने लगा है
मेरा घर उनके घर से दूर लगने लगा है
एक रिश्ता अंधेरों में फिर से सिमटने लगा है
आलोक चांटिया
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