Saturday, June 19, 2021

मेरा भी रोने को , मन करता है

 जीने के लिए ये भी पैदा हुए है क्या इनके लिए देश नहीं है ???????????????

मेरा भी रोने को , 

मन करता है 

मेरा भी सोने को ,

मन करता है ,

पर हर कंधे ,

गीले होते है ,

हर चादर मैले ,

ही होते है ,

मेरा भी जीने का ,

मन करता है ,

मेरा भी पीने को ,

मन करता है ,

पर जिन्दा लाशों ,

का काफिला मिलता है ,

पानी की जगह बस,

खून ही मिलता है |

मुझे क्यों अँधेरा ,

ही मिलता है ,

मुझमे  क्यों सपना ,

एक चलता है ,

क्यों नहीं कभी आलोक ,

आँगन में खिलता है ,

क्यों नही एक सच ,

सांसो को मिलता है ...............

जीवन में सभी के लिए एक जैसी स्थिति नही है , इस लिए जीवन को अपने तरह से जियो ( अखल भारतीय अधिकार संगठन )

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