Saturday, June 19, 2021

बादल फटने पर कुछ लोग ही मरते है ,

 बादल फटने पर कुछ लोग ही मरते है ,

पर आज तो दिल ही फट गया है मेरा ,

क्या कोई है जो गिन कर बता दे आलोक ,

कितने मरे जो कल तक जिया करते थे ,

आँखों में  पानी जरुरी कितना जनता हूँ ,

पर पानी बहा कर ही हस लिया करते है ,

कह कर निकल गए सब आबरू मेरी लूटी,

इज्जत वाले ही दाग समेट लिया करते है,

क्यों साथ दे तुम्हरा जिन्दगी मेरी अपनी है ,

बस रास्ता काट लेने को बात किया करते है ,

जब न पैदा न मरेंगे कभी भी साथ साथ कोई  ,

चीटी के एहसास में तुमको मसल दिया करते है ..

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