Saturday, June 19, 2021

आदमी के बीच में आदमी .............., खुद को अब अकेला पाता है

 आदमी के बीच में आदमी ..............,

खुद को अब अकेला पाता है .............

दर्द किसी को भी हो तो ....................

कौन दौड़ कर अब आता है ................

सड़क पर कुत्ता रुक जाता है ............

वह अपने को जब मरा पाता है ...............

बैठता है रोता है रात भर .................

बिना कुछ खाए पिए उदास ...............

कई और आ जाते है पास ..................

क्योकि वो जानते है आदमी ...............

नहीं आज कुत्ता कुचला है यहाँ .................

वरना आदमी मर जाते है ..............

और आदमी के पास वक्त कहा ............

रोज की तरह खाते है पीकर ...................

कहते है जो मरे क्या मिला जीकर ...........

क्या जरूरत थी कही जाने की ..............

जरूरत रही होगी मोक्ष पाने की ...............

बेवजह सुबह से शाम तक बस .....................

मरने मरने की खबर हर कही ................

क्या हम पैदा दुःख मनाने को कही ................

देखो आज मैच आ रहा होगा .................

जिसने जो किया वो भोगा......................

तभी कुत्ते फिर थे रोये कही .................

बाहर देखो कोई कुत्ता मारा होगा .................

अब साले रात भर मातम मनाएंगे .................

औ हम मानव की नींद खा जायेंगे ....................

ये साली सरकार क्या कर रही है ..................

मरने वालो को कितना दे रही है .................

काश कोई अपना उत्तराखंड जाता ...............

मरने वालो के पैसे ही ले आता ................

साले ये सरकारी लोग खा जायेंगे ...............

हम तो बस दर्द ढ़ोते रह जायेंगे ...................

कितनी फुर्सत है लोगो के पास ....................

जाने वालो पर समय बर्बाद करते है ...................

अरे  जो आया है वो जायेगा ही .......................

हम क्यों अपनी नींद ख़राब करते है ...................

वैसे भी साले कुत्ते गाना गायेंगे ही ........................

अपने किसी मरने वाले का सिजरा........................

मुहल्ले वाले को सुनायेंगे ही .........


आप लोग मेरी लाइन्स पर बुरा मत मानियेगा पर ये सच है की अगर कोई मानव हमारा सगा सम्बन्धी अहि है तो हमको कोई दर्द होता ही नहीं है मानो सबको गीता का ज्ञान हो चुका

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