Friday, June 18, 2021

जीवन की अविरल धारा में,

 जीवन की अविरल धारा में,

बह कर कुछ निर्माण करो ,

यह धरा चाहती गंगा सी ,

निर्मलता का उत्थान करो ,

कल क्या लाये मैं क्यों देखूं ,

आज भोर को सलाम करो ,

यह जीवन है हीरे के माफिक ,

तन को माटी का कह डालो ,

अपने कर्मो की आंधी को लेकर ,

                                                  भाग्य आज फिर बदल डालो                                   

..........जीवन बार बार नही मिलता आज अगर भगवन आपको मौका दे रहा हैं कि जन्म को जीवन में बदल लो तो प्रयास करो और नए भोर हाथो में ले उसका ही आगाज़ करो .....................आपको जन्मदिन मुबारक

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