किलकती जिन्दगी में बिलखती आरजू ,
मैंने अक्सर साँसों को कहते देखा है ,
आसमान छू लेने की तमन्ना करते कदम ,
मैंने ख्वाबो में कितनो को उड़ते देखा है |.................अखिल भारतीय अधिकार संगठन आपके साथ हकीकत की धरती पर अपने को साबित करने के लिए करने को तत्पर
No comments:
Post a Comment