इतना आसान नही सुबह के मर्म को जान लेना ,
सूरज है मेरा ही आलोक को अपना मान लेना ,
पर चल पड़ना उसके साथ विवशता है तुम्हारी ,
विकल्प ढूंढ़ कर दिखा दोगे पूरब से ठान लेना ...........सुप्रभात प्रिय भारत आईये आज के दिन में कुछ ऐसा कर दिखाए की यह पर्थिवी पर सब जीव जंतु हमारे मानव होने पर फक्र करे | अखिल भारतीय अधिकार संगठन
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