Friday, June 18, 2021

हौसला नहीं मुझ में ये , हौसला पस्तों से पूछिये ,

 हौसला नहीं मुझ में ये ,

हौसला पस्तों से पूछिये ,

जिन्होंने बनायीं डगर ,

उन्ही का रास्ता रोक दीजिये 

द्रौपदी का चीर हरण कर ,

सत्ता को भोग लीजिये ,

जिन्होंने चुने रास्ते सच ,

उन्हें जंगल भेज दीजिये ,

कैसे कहेंगे चार चोर ,

चोरी ना किया  कीजिये ,

लूट कर हर लाज को ,

बस लाश दिया कीजिये ,

पीट कर हर शाम को ,

 बस खामोश रात लीजिये ,

आलोक बेनकाब सरेआम ,

अँधेरे में शर्म तो कीजिये ,..............

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