एक आलोक को बर्बाद करके .....................दूसरे आलोक की ओर जा रही हो .............ऐ रात तुम किधर जा रही हो ...............तुमको उजालो का मतलब समझा कर ...................खुद को बर्बाद करता रहा जलता रहा ...................आज चांदनी की शीतलता की खातिर ...................चाँद से मिली जा रही हो ......................रात तुम इस तरह खुद गरज ................प्रेम को नीलाम करके जा रही हो ......................कोई बता तो देता बेवफा रात की बात ...................रात सिर्फ देती है जीवन में रात ............
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