Friday, June 18, 2021

करो इल्म मेरी बात का

करो इल्म मेरी बात का ,

ये गुनाह तुम क्यों करो ,

जिन्दा गोश्त को खाकर ,

दिल की इबादत क्यों करो ,

मान लोगे उसी को सच ,

तो तुमको झूठ कौन कहेगा ,

मार दोगे यूँ ही रोज अंदर ,

तेरा वजूद क्या बचा रहेगा ................

क्या नारी के लिए हम सब गंभीर है ??????? नहीं क्योकि लड़की की अस्मिता से खेल कर न जाने कितने बड़े बन कर गुरु बन कर अपने को समाज का मसीहा बता रहे है काश वो कभी सच बोल पाते पर रोटी के लिए जीने वाले जानवर सिर्फ स्वामिभक्त कहला सकते है पर नारी के लिए सच बोलना ?????????

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