Friday, June 18, 2021

लड़की ................

 लड़की ................


किलकारी न सुनी जिन्होंने ,

बजी ना द्वार शहनाई ,

एकाकी सा जीवन जीकर ,

दुर्गा महिषा सुर पायी ,

क्यों नहीं देवी से हट कर ,

सिर्फ औरत ही वो बन पायी ,

राग रागिनी अंक शायनी,

क्यों समय की हुई भरपाई .

एक चुटकी सिंदूर पाप का ,

आंसू दीवारो में भी पायी ,

लड़की को सुनकर खुश कौन ,

घर में बोझ की परछाई ,

आलोक नही उसके जीवन में ,

लड़की तू कैसी परिभाषा लायी

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