Friday, June 18, 2021

हर मंदिर पर झुके सर तेरे आगे

 हर मंदिर पर झुके सर तेरे आगे ,

फिर भी रहे सब क्यों इतना अभागे ,

भूख प्यास की मची तबाही तो देखो ,

क्या भगवान,अभी नही तुम जागे ,

कौन से अँधेरे का इंतज़ार इनका ,

आलोक इनके हिस्से का कौन मांगे ,

पत्थर के सही पर भगवान हो तुम ,

तेरे दिल की आवाज़ हो इससे आगे

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