हर मंदिर पर झुके सर तेरे आगे ,
फिर भी रहे सब क्यों इतना अभागे ,
भूख प्यास की मची तबाही तो देखो ,
क्या भगवान,अभी नही तुम जागे ,
कौन से अँधेरे का इंतज़ार इनका ,
आलोक इनके हिस्से का कौन मांगे ,
पत्थर के सही पर भगवान हो तुम ,
तेरे दिल की आवाज़ हो इससे आगे
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