Friday, October 4, 2019

अँधेरे में क्यों रहे

क्यों इतनी है धूप, 
 छाँव की आस नही ,
 क्यों प्यासा है मन , 
 नीर क्यों पास नही ,
 बादल है चहुँ ओर, 
 खेत क्यों सूख रहे , 
 अनाज भरे मठोर, 
बच्चे क्यों भूखे रहे , 
आलोक पास में सबके , 
 फिर अँधेरे में क्यों रहे.........................
आलोक चान्टिया

No comments:

Post a Comment