मुर्दो ने पूछा ,
आज यहाँ क्यों,
आये हो ,
क्या अपने घर ,
का रास्ता भूल ,
आये हो ,
मैंने कहा सुना था ,
भूत लोगो को ,
डराते है ,
कभी सपने में ,
को कभी सामने ,
आ जाते है |
पर अब तो शहर ,
में शैतान रहने ,
लगे है ,
लोग कुछ ज्यादा ,
सहमे सहमे से ,
रहने लगे है |
सड़क , घर , रेल ,
स्कूल में शरीर ,
को खाते है |
सच में श्मशान ,
हैवानो से बचाने,
खुद को आते है |
भूत आदमी से ,
काफी अच्छा साबित ,
हो रहा है |
बलात्कार , छेड़छाड़ से ,
उसे आज भी परहेज ,
हो रहा है |
.........................बचपन में भूत की कहनी सुना कर हमको डराया जाता था पर आज सड़क पर कुछ हो ना जाये इस लिए डराया जाता है क्या आदमी भूत को भी पीछे छोड़ आया ????????? आलोक चान्टिया अखिल आरतीय अधिकार संगठन ...जियो और जीने दो
आज यहाँ क्यों,
आये हो ,
क्या अपने घर ,
का रास्ता भूल ,
आये हो ,
मैंने कहा सुना था ,
भूत लोगो को ,
डराते है ,
कभी सपने में ,
को कभी सामने ,
आ जाते है |
पर अब तो शहर ,
में शैतान रहने ,
लगे है ,
लोग कुछ ज्यादा ,
सहमे सहमे से ,
रहने लगे है |
सड़क , घर , रेल ,
स्कूल में शरीर ,
को खाते है |
सच में श्मशान ,
हैवानो से बचाने,
खुद को आते है |
भूत आदमी से ,
काफी अच्छा साबित ,
हो रहा है |
बलात्कार , छेड़छाड़ से ,
उसे आज भी परहेज ,
हो रहा है |
.........................बचपन में भूत की कहनी सुना कर हमको डराया जाता था पर आज सड़क पर कुछ हो ना जाये इस लिए डराया जाता है क्या आदमी भूत को भी पीछे छोड़ आया ????????? आलोक चान्टिया अखिल आरतीय अधिकार संगठन ...जियो और जीने दो
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 12 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteपुछोहि मत किस कदर हैवानियत फैली है
ReplyDeleteविकसित समाज मे।
सुंदर रचना।
नई पोस्ट पर स्वागत है आपका 👉🏼 ख़ुदा से आगे