हर कोई फरेब करता रहा यह खुद से ,
मुझसे उसने कर भी लिया तो खुद से ,
जान कर अंजान रहने की आदत उनकी ,
मौत मैंने ही बुला ली आज क्यों खुद से ,
उन्हें सिर्फ मुस्करा कर किसी का बनना ,
क्या करें जब आप मरना चाहे खुद से .................................. आदमी की तलाश में आप निकालिए तो सही ...हो सकता है पूरी उम्र हाथ खली ही रह जाये
मुझसे उसने कर भी लिया तो खुद से ,
जान कर अंजान रहने की आदत उनकी ,
मौत मैंने ही बुला ली आज क्यों खुद से ,
उन्हें सिर्फ मुस्करा कर किसी का बनना ,
क्या करें जब आप मरना चाहे खुद से .................................. आदमी की तलाश में आप निकालिए तो सही ...हो सकता है पूरी उम्र हाथ खली ही रह जाये
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