Friday, October 11, 2019

कितनी शिद्दत से इंतज़ार किया तूने मेरा

कितनी शिद्दत से इंतज़ार किया तूने मेरा ,
देख तेरी खातिर जिन्दगी को छोड़ आया ,
बंद आँखों में है भी तो सिर्फ तस्सवुर तेरा ,
मौत हर शख्स को सुकून तुझमे ही आया ,
अब तो खुश हो जा मै किसी को न देखता ,
हर किसी से दूर सिर्फ तेरा गुलाम बना गया ,
कमरे  में मेरी जगह रहती अब खाली खाली ,
सच मान मैं शमशान में तेरे ही लिए बस गया |

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