जीवन को बस देख पपीहा .........
स्वाति स्वाति चिल्लाता है ........
दौड़ दौड़ के मन यही पर .............
लौट कर क्यों आ जाता है .........
जब नश्वरता जान लिया है ..........
अमर सा क्यों बन जाता है ..........
जी लो बस जो दिखे सामने .........
दुनिया में लौट कौन फिर आता है
स्वाति स्वाति चिल्लाता है ........
दौड़ दौड़ के मन यही पर .............
लौट कर क्यों आ जाता है .........
जब नश्वरता जान लिया है ..........
अमर सा क्यों बन जाता है ..........
जी लो बस जो दिखे सामने .........
दुनिया में लौट कौन फिर आता है
No comments:
Post a Comment