Friday, January 6, 2023

सच से दूर हो रहे हो

 दूर खड़े होकर देखने पर

 आसमान भी नीला

 दिखाई देता है 

क्षितिज के उस पार 

धरती से आसमान 

मिलता भी दिखाई देता है

 दूर से देखने पर 

समुद्र भी आगे जाकर

 ढलान पर दिखाई देता है 

दूर से देखने पर 

एक विशाल तारा भी 

टिमटिमाता हुआ दिखाई देता है

 किसे अच्छी नहीं लगती हैं 

दूर के देशों की 

अजीबो गरीब कहानियां 

किसे सुंदर नहीं लगती हैं 

दूर से किसी परियों की बातें 

पर क्या पास आने पर 

यह सच होता है या फिर 

आसमान अपनी जगह होता है 

धरती अपनी जगह होती है 

क्षितिज जैसा कुछ भी नहीं होता है 

ना कोई परी होती है 

ना कोई भी सच्ची कहानी होती है 

सच यह है कि तुम सब 

दूर खड़े होकर देख रहे हो 

इसीलिए सच से दूर हो रहे हो 

आलोक चांटिया

No comments:

Post a Comment