Sunday, December 2, 2012

raat sikha gayi mujhko

रात सिखा गयी आज जीना मुझको ................अंधेरो से कैसे हस कर मिले बताया मुझको .....................कैसे तक बीत जाती हम कब जान पाते...................... कठिन दौर में सोना बता गयी मुझको ..................कुछ तो होगा जो संघर्ष में कर सके .................. माँ की कोख के अँधेरे से मिला गयी मुझको .....................अँधेरे से भाग कर कहा तक जाओगे .........................दिल के अँधेरे में प्रेम दिखा गयी  मुझको .......................नींद , दिल , माँ की कोख सब अँधेरे में रह कर अपना सबसे अच्छा परिणाम देते है तो आप अँधेरे को देख भाग क्यों रहे है ...............शायद आप के जीवन में कुछ अच्छा होने वाला है ..........पर आप तो रौशनी के आदि हो चुके है तो कहिये सुप्रभात

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