Wednesday, December 26, 2012

कब समझोगे मुझको

रात जैसे जैसे गहराई..............
वो फिर दर्द में आई ...............
क्या अभी चुप रहोगे पार्थ.........................
.मैं  लड़की बन के  क्या पाई.....................
माँ कहकर भारत को लूटा.......................
बहन को लूटा किसने भाई ......................
.दम तोड़ रही लाज  देश की ....................
मानवता देखो कितनी शरमाई .................
.मैं रहूँ ना रहूँ कल यहाँ ........................
दे दो जीवन लड़की को जो लायी ...............................आज भारत की अस्मिता हार गयी और हमारे देश में अपनी इज्जत और जीवन को दावं पर लगा चुकी लड़की ( आज तक हम उसका नाम नही ले सके .सब कुछ लुटने के बाद उसके नाम के लिए इतनी गोपनीयता बताती है कि हम सब किय्ना पाखंडी  है ) को जीवन देने के लिए सिंगापुर ले जाया जा रहा है ........अगर मैं कभी कोई अच्छा काम किया हो तो वह भारत पुत्री इस देश कि मर्यादा बन कर फिर आये .......................हम सब तुम्हरे साथ है ...मेरे देश कि लाज ???????????????????????????????/शुभ रात्रि

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