ऊब अकेले के जीवन से सूरज देखो आया है ..................दुनिया के लोगो से मिल कर वो भी कुछ पाया है ...................धूप दिखाकर पेड़ पौधों को उसने ही लहराया है ....................पर दुनिया में खुद को उसने पूज्य बनाया है .................सूरज की अपनी जिन्दगी है और जो देता है हम उसकी तरह कभी भी ध्यान नही देते और इसी लिए सूरज का अकेला पण हम कभी नही देख पाते..............ऐसा नही है तो कहिये उससे सुप्रभात
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