Sunday, December 16, 2012

कहा जाने लगी

लूट कर दिन भर का उजाला ...........रात जीत अपनी मनाने लगी ..............................सपनो की महफ़िल में उसका इंतज़ार ......................बन्द आंख में नींद मैखाने सी आने लगी ....................नशा ही नशा हर घर में फिर  दिखा ....................बिस्तर की याद हर शरीर को आने लगी ......................आओ थोड़ी देर खुद पर भरोसा कर ले ...................रात पूरब से मिलने कहा जाने लगी ...................अगर आप समय को चूक गए तो यह जान लीजिये कि सपना , नींद सब कुछ आपके हाथ से निकल जायेगा ................तो कीजिये हर पल का उपयोग और अभी के लिए कहिये .......शुभ रात्रि

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