दौड़ सुबह को देख सूरज पूरब में आया ....................खुद चमका आलोक और दुनिया चमकाया ...................ऐसा नहीं कि गगन को रंग कोई न मिला हो ....................नीला हुआ आकाश संग पीला प्रकाश है पाया ...............................तुम बढ़ कर रंग खिला लो अपने जीवन में ...............निशा से छूट उजाला मुक्ति सभी में लाया ................मैं भी दौडू तुम भी दौड़ो क्रम के पथ पर ............................क्यों करते हो साँसों को अपनी रोज निर्थक जाया ..............सुबह के रंगों को समझिये और कहिये ..........सुप्रभात
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