Friday, December 14, 2012

सोचो क्या पाया है तुमने


हवा चली एक तमस को लेकर ......................सन्नाटा फैला एक हवस को लेकर .....................दौड़ खत्म हुई बिस्तर पर आकर ......................नींद दौड़ पड़ी कुछ सपने को लेकर.................सोचो क्या पाया क्या खोया दिन भर .......................ऐसे ही पल गुजरेंगे हमारे उम्र भर ...........................छोड़ कर क्या जाओगे अपने पीछे आलोक ........................अँधेरे के पार खड़ा एक उजाला भी बन कर ........................... क्या आप कुछ ऐसा नही करना चाहते जो आपके रोज खाने पीने , सोने से ऊपर हो और जो आपको जानवर की तरह नही मनुष्य की तरह अनुभव कराये ...............सोचिये ऐसा क्या है ????????????? चलिए सोते हुए सोच लीजिये ..शुभ रात्रि

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