Wednesday, December 19, 2012

लड़की नही मैं माँ बेटी हूँ

क्या कहता है देश वेश में कौन है आया .............माँ को लूटा बेटी को लूटा टूटा रिश्ता का साया .............सिसक रही वो लड़की जो भारत में रहती है .......................क्या पाया बलात्कार सत्कार नही उसने पाया ..............धिक्कार रही जननी अपनी कोख आज क्यों ...................क्या पशु ले रहे जन्म पुरुष बस नाम है पाया ...............कैसे हस पाएंगी बेटी खुद तेरे आँगन में भारत .................रुक कर देखो लक्ष्मी जी रही लेकर काला  साया ........................मेरे देश के पुरुषो कम से कम उस रावन और कंस से ही प्रेरणा ले लो जिसे हमने राक्षस कहा पर कभी उन्होंने नारी के सतीत्व को चोट नहीं पहुचाई ............पर यह क्या हो रहा कि हमको शर्म आने लगी गई .................क्योकि हर लड़की सड़क पर डर के जाने लगी है ...................सभी लोग मिल कर लडकियों के जीवन के लिए सोचिये और देश में बलात्कार के लिए मृत्यु  दंड की सजा का आन्दोलन चलिए ...........अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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