मेरे पास खोने के लिए ,
इतना कुछ था कि,
लोग आते गए ,
और लेकर चलते गए ,
पर कोई न देख पाया ,
न समझ ही पाया ,
कि इन सब के बीच ,
मैं अब भी शेष था ,
शायद ये मेरी हिम्मत ,
और सांसो का अवशेष था .............................
आप किसी को लूट कर खुश हो सकता है बर्बाद करके खुश हो सकते है लेकिन कटे पेड़ की जड़ से फिर पत्तियां निकल आती है और फिर वो रौशनी और हवा पाती है हा ये बात और है कि फिर से दरख्त बनने में समय लगता है
डॉ आलोक चान्टिया
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