Wednesday, June 7, 2023

मुझ में अकेलेपन का एहसास रहने लगा

 मुझमे अकेलेपन का एहसास रहने लगा .......

सच ये है कि अब साथ कोई रहने लगा ............

माना कि आलोक अंधेरो में नहीं आता ......................

पर एक साया रोज कुछ  कहने लगा ................

यूँ ही जिन्दगी में कब तक उकेरोगे मुझको ..............

कोई तो तेरी जुदाई का दर्द सहने लगा ................

इस दुनिया को मिटटी का खिलौना समझो ..................

साँसों से कोई बदन मुझे जिन्दा कहने लगा ...............

आज बारिश से सुकून पाया कुछ दिल है ......................

तेरे संग भीगने का सगल होने लगा ...............

कौन कहता है भिगोती नहीं आँखे ......................

मेरे दिल से होकर जब वो गुजरने लगा ...........

मुझमे अकेलेपन का एहसास होने लगा ...............

सच ये है कि अब साथ कोई रहने लगा .............................

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