Saturday, June 17, 2023

ना जाने लोग कैसे कैसे भ्रम पाल लेते है ,

 ना जाने लोग कैसे कैसे

भ्रम पाल लेते है ,

कुत्ते की जगह अक्सर ,

आदमी पाल लेते है ,

धोखे खाने के लिए ही ,

रिश्ते जिए जाते है ,

बंद घर में भी जब तब ,

साँप चले आते है,

न चाह कर भी रोज ,

जानवर ही हम जीते है ,

कुछ जीवन कुतर देते है ,

कुछ कीचड़ छोड़ जाते है ...................

कभी आप को सिर्फ निखालिस आदमी मिला जो गंगा सा निर्मल हो ..........या फिर जानवर ----- डॉ आलोक चान्टिया, अखिल भारतीय अधिकार संगठन

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