Friday, June 9, 2023

पैसा ही सब कुछ है

 कमरो में पैसो से ,

ठंढी हवा आज पैसे से ,

मिलती है ,

पर झोपडी में किलकारी ,

गर्म हवाओ में ,

झुलसती है ,

सुना तुमने भी है ,

पैसा बहुत कुछ है पर ,

सब कुछ नहीं 

भूखे को रोटी मिलती ,

नंगो को कपडा ,

पर सांस तो नहीं ,

गर्मी में जी कर लोग 

स्वर्ग नरक का अर्थ ,

जान रहे है ,

नंगे पैरो से सड़क पर , 

दौड़ते जीवन इसे ,

नसीब मान रहे है ,

अपनी सूखी, झूठी रोटी ,

देकर पुण्य का अर्थ ,

पा रहे है लोग  ,

पानी को तरसते ओठ ,

गरीबी और पानी का ,

क्या सिर्फ संजोग 

मानिये न मानिये आलोक ,

हवा पानी रौशनी ,

पैसे के सब गुलाम है ,

भूख , प्यास , गर्मी से  ,

बिलबिलाते कीड़े से ,

आदमी गरीबी के नाम है ...........................सोचिये और अपने सुख से थोड़ा सुख उन्हें भी दीजिये जो आपकी ही तरह इस दुनिया में मनुष्य बन कर आये है और आप उनको ?????? आलोक चाटिया

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