Tuesday, June 13, 2023

तुम जानते नहीं कितने दिलों में बस रहे हो

 तुम जानते नहीं कितने दिलो में बस रहे हो ................

क्यों मेरी बेबसी पर  आज हस रहे हो ............

माना की अब ईद के चाँद से भी नहीं ...........

पर ख़ुशी है उस के पास ही जा रहे हो ...............

आज फिर याद आई तेरी हर वो बाते ..................

जब इस दिनिया से ही चले जा रहे हो ..........

एक बार तो खबर मेरी भी लेना तुम वहा...........

और पूछना कि तुम यहाँ कब आ रहे हो ..........

तुम तो भ्रष्टाचार से उब जल्दी चल दिए ...............

और मुझे इसी दलदल में छोड़े जा रहे हो .................

ले लो मेरा सलाम आज मेरे कंधो पर ...........

खुद चुप होकर आंसू दिए जा रहे हो ................

अब कौन पुकारेगा मुझे डॉ साहेब सुनिए ................

मेरी आवाज तो खुद लेकर जा रहे हो .................................अपने प्रिय श्री जे पी सिंह के आकस्मिक निधन पर एक अनशनकारी और उनके अनुज के श्रधांजलि के दो शब्द ............................

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