Saturday, June 10, 2023

मेरे दर्द , पर जब , कोई मुस्कराता है ,

 मेरे दर्द ,

पर जब ,

कोई मुस्कराता है ,

शायद उसके ,

अंतस का आदमी ,

तभी जी पाता है |

मेरे अँधेरे पर ,

जलता दीपक ,

उनके घर में एक ,

सुकून दे जाता है |

ना जाने कैसी ,

फितरत पाल ली ,

आलोक दुनिया में ,

कोई क्यों आता है ?

जीते है जिसके साथ ,

वही आस्तीन ,

का सांप निकलेगा ,

कौन जान पाता है ................................

 हम अब इतना समय पा ही नहीं पा रहे कि किसी को समझ सके 

आलोक चांटिया

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