Sunday, November 3, 2019

लेखनी और शब्द

जिन्दगी जीने का प्रयास करता हूँ ......... 
लेखनी से प्यार किया करता हूँ ....
कभी कभी लिपट जाती उँगलियों से .......... 
तभी  शब्दों में नहा लिया करता हूँ ........ 
आलोक चान्टिया

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