क्यों अपना दर्द सुनाना चाहते हो ........
जब कि किसी को दर्द देकर ही आते हो....
ये भी जब सिद्ध हो चुका है कि,
कोई भी अपनी मूल प्रवृत्ति नही ,
छोड़ पाता उम्र भर हर मोड़ पर ,
फिर क्यों उम्मीद करूँ तुमसे ,
बिना कांटो की जिंदगी रहने दोगे,
गुलाब दामन में खिलने दोगे ......................
जब कि किसी को दर्द देकर ही आते हो....
ये भी जब सिद्ध हो चुका है कि,
कोई भी अपनी मूल प्रवृत्ति नही ,
छोड़ पाता उम्र भर हर मोड़ पर ,
फिर क्यों उम्मीद करूँ तुमसे ,
बिना कांटो की जिंदगी रहने दोगे,
गुलाब दामन में खिलने दोगे ......................
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