Sunday, November 3, 2019

जिन्दगी सभी को मिलती है नुक्कड़ पर

जिन्दगी सभी को मिलती है नुक्कड़ पर
जिन्दगी पहुच जाती है खुद नुक्कड़ पर ,
कितना भी जतन कर लो नसमझपाओगे
मौत भी खड़ी मिलती है हर नुक्कड़ पर ,
जीवन में दिल की आहट आतीनुक्कड़पर
जब वो सामने से गुजर जाती नुक्कड़पर
कितना ही वक्त गुजर जाता नुक्कड़ पर
शायद वो मुड़ कर देख ले नुक्कड़ पर ,
पता नही क्यों सन्नाटा सा है नुक्कड़पर
कुछ गम सुम सा लगता है अब नुक्कड़पर ,
लोगो ने बताया वो मासूम अब न आयगी ,
कल कोई उठा ले गया उसे नुक्कड़ पर ,
रोज ढूंढ़ता उसके निशान नुक्कड़ पर ,
उसकी हसी दौड़ती मिली नुक्कड़ पर ,
एक प्रश्न सा तैरता हवाओ में आज भी ,
क्यों लड़की मौत ही जीती है नुक्कड़ पर
मैं क्या बताऊ उलझन इस नुक्कड़ पर ,
बस एक अक्स रह गया इस नुक्कड़ पर
वो भी थी रोई बहुत इसी नुक्कड़ पर ,
परायी हुई थी मुझसे इसी नुक्कड़ पर ,
कहा छोड़ पाया था उसे नुक्कड़ पर ,
मौत के संग हो लिया था नुक्कड़ पर ,
प्रेम तो दिखाया जिन्दगी से नुक्कड़ पर
फिर दुनिया से मुंह मोड़ लियानुक्कड़पर
क्या तुम जानते हो उस पार नुक्कड़ के ,
क्यों एक शून्य सा रह जाता नुक्कड़ पर
लोग कहते है भगवान वहा नुक्कड़ पर,
फिर रोने की आवाज क्यों नुक्कड़ पर ............................



 आलोक चान्टिया

जिन्दगी में हम सब नुक्कड़ के पर न देख पाए है और न देख पाएंगे ........इसी लिए नुक्कड़ पर मौत , लड़की से छेड़ छाड़ , बलात्कार , अपहरण और फिर एक सन्नाटा नुक्कड़ पर मिलता है .........क्या आप ने नुक्कड़ को ध्यान से देखा है

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