Monday, November 4, 2019

किसी को जिन्दगी मिल जाती है कौड़ियो के मोल

किसी को जिन्दगी मिल जाती है कौड़ियो के मोल ,
अक्सर वो मेरी उसकी बेबसी का करते दिखते तोल,
नही जानते है कि पानी तो फैला पड़ा हर कही यहा,
मीठे पानी के सोते मिलते है जमीं को लेते जो खोल ,
गीली मिटटी में तो हर कोई उगा लेता है रोटी अपनी ,
रेत पर दिखाओ घर बसा कर और फिर कुछ मीठे बोल ,
आसमान से पानी की आरजू कौन करती है नही आँखे ,
अपने पसीने से दाना उगा कर सच की खोल दो पोल ..............क्या आपको भी जवान ऐसे ही मिल गया है कि आपको लगता है कि जो गरीब है या जिनके पास कुछ नही है वो उनके पूर्व जन्मो का पाप है या फिर आप बचना चाहते है उस जानवर की तरह जो अपने सिवा किसी के लिए नही करता ..................आदमी कहा है

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