आलोक चान्टिया कीकविता और शायरी - ALOK CHANTIA
Friday, November 22, 2019
ज़िन्दगी गंगा सी मैली हो गयी
ज़िन्दगी गंगा सी मैली हो गयी
समुन्दर मे लो फिर खो ही गयी
हर किसी ने चाहा खुद उसको
गंगा सी ज़िन्दगी तन्हा हो गयी
आलोक चांटिया
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